हजारों वर्ष पहले लिखी गयी भगवद् गीता का विश्लेषण व अभ्यास प्रत्येक विद्वान द्वारा अलग-अलग प्रकार से किया गया है। और इस काल में जब उम्र में मात्र... Read More
हम सभी भगवान की खोज में हैं। और अंत में, आपकी 'भगवान् को जानने की खोज' आपको यहां ले आई है। लेकिन भगवान कहाँ हैं? क्या वह सर्वज्ञ है जो स्वर्ग में... Read More
कर्म क्या है ? क्या अच्छें कर्म करने से गलत कर्मों का असर खत्म हो जाता है ? भले लोगों को दुःख क्यों उठाने पड़ते हैं ? कर्म बंधन कब और कैसे रूकता है... Read More
क्या आपने कभी खुद से पूछा है कि, 'वास्तव में कौन हूँ?' क्या मैं एक पिता, एक पति, एक मित्र, एक इंजीनियर, एक मुसाफिर या एक मरीज़ हूँ? सच्चाई यह है कि एक... Read More
प्रेम शब्द का इस हद तक दुरुपयोग हुआ है कि हरएक कदम पर इसके अर्थ को लेकर प्रश्न खड़े होते है। यदि यह सच्चा प्यार है तो, यह ऐसा कैसे हो सकता है? सिर्फ... Read More
मन को केंद्रित करने की किसी भी प्रकार की क्रिया मनो–योग(ध्यान) कहलाती है। लेकिन यदि यह दिमाग में बिना कोई लक्ष्य रखे किया जाए तो इसका कोई लाभ नहीं... Read More
क्या आपने कभी सोचा है, वाणी कैसे बोली जाती है? जब आप सितार का एक तार छेड़ते हैं, तो वह कितने प्रकार की आवाज पैदा करता है? कईं। इसी प्रकार से जब आपको... Read More
मृत्यु क्या है? मृत्यु के समय क्या होता है? मृत्यु के पश्चात क्या होता है? मृत्यु के अनुभव के बारे में कोई किस प्रकार बता सकता है? मृत व्यक्ति अपना... Read More
वास्तव में तो, ब्रह्मचर्य दो प्रकार के होते हैं। ‘मैं शुद्धात्मा हूँ’ का निरंतर लक्ष्य रहे वह सबसे श्रेष्ठ ब्रह्मचर्य है। बाकी, ब्रह्मचर्य का सही... Read More
हम में से कई लोग धार्मिक क्रियाएँ करते हैं, हम कठिन तप, व्रत, मेडिटेशन और ऐसी अन्य तपस्याएँ करते हैं, इसके बावजूद भी क्यों हमारे मन-वचन-काया से... Read More
"दूसरों के दोष देखने से कर्म बँधन होता है और खुद के दोष देखने से कर्मों से मुक्ति मिलती है।" यह कर्म का सिद्धांत है। अपने खुद के स्वरूप की अज्ञानता... Read More
लोग अपनी भाषा मै या जिस धर्म का हम पालन करते हैं उसके आधार पर आत्मा को रूह, पवित्र आत्मा, चेतना या महा-चेतना भी कहा जाता है। बहुत से लोग उसे वास्तविक... Read More
अहिंसा अर्थात् ऐसी जागृति रखना कि अपने मन-वचन-काया से किसी भी जीव को किंचित् मात्र भी दुःख न हो। जब यह सिद्धांत आपके निश्चय और जागृति में दृढ हो... Read More
प्रत्येक जीव सुख की खोज में है। एक बच्चा आनंद पाने के लिए खिलौनों से खेलता है। जब वह बड़ा होता है, तब वह भविष्य में सुखी जीवन जीने के लिए कठिन अभ्यास... Read More